योगदान देने वाला व्यक्ति

2 मार्च 2015

" मेरे घर का बजट "


"पेट्रोल के दाम बढ़ गये | सब उपभोक्ता वस्तुए महँगी !! ब्यूटी पार्लर अब दो महीने बाद जाना होगा | पहले भी दो महीने में एक बार खाना बाहर खाते थे अब तीन महीने में एक बार | वई- फाई का प्लान बदलना होगा | अब फिर से दर्जी से कपडे सिलाने होंगे रेडी मेड भी महँगा | सुनते हो अब से थोडा घर खर्च बढ़ा कर देना | काम वाली ने ,चौकीदार ने , स्वीपर ने सबने इस महीने से पगार ज्यादा करने का नोटिस दिया हैं | "
रसोई से पत्नी की जोर से आवाज़ आई 
"हाँ महंगाई तो बढ़ गयी सबको बढ़ी हुयी पगार चाहिए पर मेरी तनख्वाह तो नही बढ़ी !! कहने को बैंक कर्मचारी पर कोल्हू के बैल से ..... न घर में बीबी खुश न बैंक में बॉस . मेरे घर का बजट भी देश के बजट सा हो गया हमेशा घाटे का बजट ||"
पति तौलिया उठा बाथरूम में जा घुसा इसके पहले पत्नी कुछ और डिमांड करे उसे टारगेट कैसे प्राप्त करे यह सोचना हैं

कोई टिप्पणी नहीं: