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17 दिसंबर 2014

" कसूर किसका "

दीवार पर लटकी तस्वीर देखकर नैना की आँखों से अविरल आंसू बहने लगी आज एक बरस बाद मायके आई थी माँ की बरसी पर | १3महीने पहले आयुष एक हादसे में चल बसा था | कितनी बार कहा था अपने इस १४ बरस के भाई कोकि जब भी ट्यूशन पढने जाया करो कानो में हैडफ़ोनलगकर गाने मत लगाया करो |सड़क पर चलते ट्रैफिक की आवाज़ नही सुनाई देती परन्तु आजकल के किशोर उम्र के बच्चे कहाँ किसी की बात सुनते और ऐसे ही एक दिन एक कार वाले ने टक्कर मारी और फरार हो गया | आस -पास गुजरती किसी भी गाड़ी ने रुक कर उसे समय से हॉस्पिटल नही पहुँचाया और अनहोनी होकर रह गयी \ उसके जाने ने माँ को बुरी तरह तोड़ दिया और दो महीने से पहले ही माँ को दिल का दौरा पढ़ा और स्वर्ग सिधार गयी| चुन्नी के पल्ले से तस्वीर पोंछती नैना उस पल को कोस रही थी |कसूर किसी का भी रहा हो घर सूना उसका हुआ था

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