"अभी दो मिनट्स भी नही हुए थे और तुम फिर वापिस लौट आये कितनी बार कहा टिक कर पढ़ा करो
चेतन ! जमाना देखा हैं कितना तेज दौड़ रहा हैं एक तुम हो ऐसे कैसे चलेगा तुम्हारा बड़ा भाई अमेरिका में
पढ़ रहा हैं और कल डॉलर्स मैं कमाएगा यहाँ तुमको १० वी पास करने में पसीने छूट रहे हैं , कैसे चलेगा ऐसे
!! कोई तुलना नही कर रहे हम व्यवाहरिकता बता रहे हैं इस लायक तो बनो कि कल उसके सामने हाथ न
फैलाना पढ़े तुमको और तुम्हारी पत्नी आकर हमें कोसे कि एक बच्चे को पढ़ाया अमरीका में और दुसरे को
?? तब कौन मानेगा त्तुम ही पढ़ाई से जी चुराते रहे थे "
कहते कहते सुनील की आवाज भरभरा उठी . आँखे अपने पिता की तस्वीर को देखने लगी इतिहास दोहरा
रहा था खुद को .जहाँ आज चेतन खड़ा हैं कभी वोह वहां खड़ा था और भाई के दिए पैसे के बलबूते पर आज
बिज़नस चला रहा था .
मलाल हैं कि खुद कुछ करके न दिखा सका और उम्र भर वोह इज्ज़त भी ना पा सका भाई की नजरो में जिसकी उम्मीद उसके माता -पिता करते थे .... नीलिमा
चेतन ! जमाना देखा हैं कितना तेज दौड़ रहा हैं एक तुम हो ऐसे कैसे चलेगा तुम्हारा बड़ा भाई अमेरिका में
पढ़ रहा हैं और कल डॉलर्स मैं कमाएगा यहाँ तुमको १० वी पास करने में पसीने छूट रहे हैं , कैसे चलेगा ऐसे
!! कोई तुलना नही कर रहे हम व्यवाहरिकता बता रहे हैं इस लायक तो बनो कि कल उसके सामने हाथ न
फैलाना पढ़े तुमको और तुम्हारी पत्नी आकर हमें कोसे कि एक बच्चे को पढ़ाया अमरीका में और दुसरे को
?? तब कौन मानेगा त्तुम ही पढ़ाई से जी चुराते रहे थे "
कहते कहते सुनील की आवाज भरभरा उठी . आँखे अपने पिता की तस्वीर को देखने लगी इतिहास दोहरा
रहा था खुद को .जहाँ आज चेतन खड़ा हैं कभी वोह वहां खड़ा था और भाई के दिए पैसे के बलबूते पर आज
बिज़नस चला रहा था .
मलाल हैं कि खुद कुछ करके न दिखा सका और उम्र भर वोह इज्ज़त भी ना पा सका भाई की नजरो में जिसकी उम्मीद उसके माता -पिता करते थे .... नीलिमा